By Samachar Vishesh News
Chandigarh, Oct.09, 2021:- केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा पास किये गये तीनों कृषि कानून किसानों की जान ले रहे हैं। भाजपा के नेता एवं मंत्री इन कानूनों की आड़ में किसानों के साथ खून की होली खेल रहे हैं। पिछले लगभग दस महीनों में ऐसे कृषि कानून सैंकड़े किसानों की बलि ले चुके हैं जो कि हमारे देश के लिए खतरे की घंटी है। ये विचार पंजाब मंडी बोर्ड में से जिला मंडी अफसर के पद से आज अस्तीफा देकर आए अजयपाल सिंह रंधावा ने आज यहां चंडीगढ़ प्रेस कल्ब में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुए किया।
प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुए पंजाब के जिला तरनतारन निवासी अजयपाल सिंह रंधावा ने कहा कि ये नये तीनों कृषि कानूनों से किसान-मजदूरों एवं आढ़तियों का बहुत बड़ा नुकसान होना है। अपनी जमीनों को बचान के लिए किसान-मजदूर पिछले लगभग 10 महीनों से दिल्ली के बार्डरों पर खुले आस्मान के नीचे बैठ कर गर्मी, सर्दी तथा बरसात का मौस्म झेलते आ रहे हैं लेकिन मोदी सरकार उन की मांग मानने की बजाय प्रदर्शन कर रहे किसानों मजदूरों को अंग्रेजों की तर्ज पर कुचलने लग पड़ी है। दुख की बात ये है कि सैंकड़े किसानों के शहीद होने के बावजूद भी केन्द्र सरकार ने एक भी शब्द इन शहीद किसानों के पक्ष में नहीं बोला।
श्री रंधावा ने कहा कि वे कृषि धंधे से संबंधित पंजाब मंडी बोर्ड विभाग में पिछले 35 वर्षों से सेवा निभाते आ रहे थे। इतने लंबे समय में उनका किसानों, मजदूरों एवं आढ़तियों के साथ बेहद संपर्क रहा है तथा वे इन तीनों वर्गों की समस्याओं को बहुत अच्छी प्रकार से जानते हैं। लेकिन अब इन तीनों वर्गों के साथ कृषि कानूनों की आड़ में हा रही धक्केशाही उनके बर्दाश्त से बाहर हो गई। सरकारी नौकरी में रहते हुए वे इन वर्गों की सेवा नहीं कर पा रहे थे जिस कारण उन्होंने नौकरी छोड़ कर इन वर्गों की सेवा में जुटने का प्रण किया।
रंधावा ने बताया कि भले ही विभाग में नौकरी करते हुए उनकी प्रमोशन भी नजदीक थी और वे जर्नल मैनेजर की पोस्ट तक जा सकते थे तथा नौकरी से अस्तीफा देने से उन्हें करीब 25 लाख रुपये का वित्तीय नुकसान भी झेलना पड़ेगा लेकिन अपने किसान, मजदूरों एवं आढ़तियों की सेवा करने के सामने यह वित्तीय नुकसान कोई खास मायने नहीं रखता। उन्होंने कहा कि अब वे नौकरी छोडऩे उपरांत वे किसानों, मजदूरों एवं आढ़तियों की बड़ी खुल कर सेवा करेंगे।
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