By Samachar Vishesh News
Chandigarh 08th Feb, 2020:- शिक्षा आज का अहम मुद्दा है। बदलते वक्त के साथ शिक्षा के क्षेत्र में कई तरह के बदलाव हुए।शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव और क्या कुछ नया किया जा सकता है। इसकी पहल करते हुए एक निजी चैनल की तरफ से चंडीगढ़ में एजुकेशन समिट सीजन-2 का आयोजन किया गया । एजुकेशन समिट सीज़न-01 की कामयाबी के बाद न्यूज़ चैनल के मंच पर एक बार फिर शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी तमाम हस्तियों का जमावड़ा लगा।एक ही मंच पर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के शिक्षामंत्री जुटे थे।जहां पर शिक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे बदलावों का जिक्र किया गया।जिसमें बताया गया कि तकनीक के बढ़ते असर ने देश-दुनिया में पढ़ाई-लिखाई का तौर-तरीका भी बदला है।ब्लैकबोर्ड की जगह टैबलेट और लेपटॉप लेने लगे हैं।कलम-दवात की जगह की बोर्ड काम कर रहे हैं और एजुकेशन लगातार डिजीटल हो रही है।इसलिए भारत जैसे देश में चुनौतियां भी कई खड़ी हैं।
न्यूज़ चैनल एजुकेशन समिट सीज़न-02 का मेन फोकस बस इन्हीं चुनौतियों के इर्द-गिर्द रहा।खासकर सरकारी स्कूलों पर।जिन पर पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला, हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर और हिमाचल के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज खुलकर बोले। एजुकेशन समिट के ज़रिए न्यूज़चैनल की कोशिश रही है कि ना सिर्फ सार्थक चर्चा हो।बल्कि उन शख्सियतों को भी सम्मानित किया जाए, जो अपने स्तर पर शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं।इसलिए सीज़न2 के मंच पर भी उन हस्तियों और संस्थानों को सम्मान दिया गया।जो शिक्षा के क्षेत्र में सकरातात्मक बदलाव के लिए अहम भूमिका निभा रहे हैं।न्यूज़ चैनल एजुकेशन समिट सीज़न-02 में नामी शिक्षाविदों के सुझाव सीधे तीनों प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों तक पहुंचे हैं।जबकि इन प्रदेशों के सरकारों का रोडमैप भी सबके सामने आया। यानि एक मंच पर ही सुझाव और समाधान दोनों मौजूद थे।जिनसे शिक्षा का भविष्य तय होता है। ऐसे में तीनों प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों ने न्यूज चैनल की इस पहल की सराहना की और कहा कि इस तरह के समिट शिक्षा के लिए बेहद ही जरूरी हैं।
शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए कई शिक्षाविदों ने अपने विचार सांझा किये । इतना ही नहीं संगीत और कला की दुनिया से मशहूर गीत कार शमशेर संधू , गायिका सतविंदर बिट्टी, पंजाबी सूफी गायकी में अहम् स्थान रखने वाली डॉक्टर ममता जोशी के अलावा पंजाबी अदाकार मलकीत रॉनी ने भी बताया की कैसे शिक्षा के बिना अदाकारी भी अधूरी है।
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