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Samachar Vishesh News
Chandigrh 16th October:- विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डा. सुरिंदर जैन ने पूज्य संतों के
नेतृत्व में और समाज के विविध संगठनों (केंद्रीय आर्य सभा, अखिल भारतीय
बनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिन्दू परिषद्,एवं धार्मिक व् उद्योगपति आदि)
के प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ माननीय महामहिम राज्यपाल जी से
चंडीगढ़ में मुलाकात की और श्री राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण हेतु
केंद्र सरकार कानून बनाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे, इसके लिए
महामहिम राज्यपाल जी को प्रतिवेदन के माध्यम से अपने राज्य के करोड़ों राम भक्तों की
भावनाओं से अवगत कराया और कहा कि हिन्दू समाज का 1528 से ही श्री राम
जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए ढृढ़ संकल्प रहा है और अनावश्यक विलम्ब
हिन्दू समाज के धैर्य कि परीक्षा ले रहा है अतः केंद्रीय सरकार अध्यादेश लाकर संसद
में कानून बनाये और श्री राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त
करे |
उन्होंने कहा
नवंबर मास में सभी संसदीय क्षेत्रों में विशाल जनसभाएं होंगी और वहां की जनता का
एक बड़ा और व्यापक प्रतिनिधि मंडल अपने क्षेत्रीय संतों के नेतृत्व में अपने
सांसदों से मिलेंगे और संसद में कानून बनाकर श्री राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर
बनाने का मार्ग प्रशस्त करने का आग्रह करेंगे और दिसंबर माह में श्री गीता जयंती 18, 19 दिसंबर से एक
सप्ताह तक भारत के प्रत्येक पूजा स्थान,
मठ मंदिर, आश्रम, गुरुघर, स्थानक व् घरों
में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए अनुष्ठान करेंगे |
पत्रकारों के
सवालों के जवाब देते हुए डा. सुरिंदर जैन ने कहा कि कानून बनाकर मंदिर निर्माण की
बात हम पहले से ही कर रहे है हमें ऐसे संकेत मिल रहे थे कि न्यायपालिका जल्द ही
निर्णय दे सकती है इसलिए कुछ समय के लिए कानून कि मांग को स्थगित किया गया था
लेकिन अब इसकी संभावनाएं कम हो गई हैं इसलिए पूज्य संतों की उच्चाधिकार समिति ने
कानून की मांग को पुनः सशक्त रूप में रखा है | भारतीय
न्यायपालिका के इतिहास में ऐसे कई उदहारण हैं जिनमें विचाराधीन मामलों में कानून
बने हैं और न्यायपालिका ने उन्हें उचित भी ठहराया है जैसे 1975 में जब तत्कालीन
प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी की अयोग्यता के सम्बन्ध में कानून में संशोधन
किया गया और वर्तमान में जल्लीकट्टू का मामला विचाराधीन होते हुए भी अध्यादेश लाकर
कानून बनाया गया | कानून बनाने का काम संसद का है और निर्णय
देने का काम न्यायपालिका का है, दोनों अपने-अपने क्षेत्र में निर्णय लेने के
लिए सम्वैधानिक रूप से अधिकृत और स्वतंत्र हैं इसलिए हमारी यह मांग न्यायपालिका को
प्रभावित करने के लिए नहीं है बल्कि सम्वैधानिक है|
चुनावी मुद्दे
के सवाल पर बात करते हुए उन्होंने कहा की हम तो न्यायपालिका के निर्णय की
प्रतीक्षा कर रहे थे लेकिन चुनाव से जोड़ने का प्रयत्न तो वो लोग करना चाहते हैं जो
सुनवाई चुनाव तक टलवाना चाहते थे | अगर सभी राजनीतिक दल मिलकर बिल पास करते हैं
तो चुनावी प्रभाव का तो प्रश्न ही पैदा नहीं होता है और इससे देश में सद्भावना और
सौहार्द ही बढ़ेगा |
डा सुरिंदर जैन
ने कॉंग्रेस पार्टी से भी इस जन अभियान में बढ़-चढ़ कर साथ देने की अपील करते हुए
याद दिलाया कि कॉंग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गाँधी ने अपनी अंतिम
प्रेस कान्फरेन्स में अयोध्या राम मंदिर बनाने का समर्थन किया था व कहा था कि
कॉंग्रेस पार्टी इसके लिए प्रतिब्ध है. उन्होने कहा कि अब कॉंग्रेस के राष्ट्रीय
अध्यक्ष राहुल गाँधी को अपने पिता का अनुसरण करते हुए राम मंदिर बनाने के लिए अपनी
पार्टी की ओर से बिल संसद में पेश करना चाहिए ताकि सरकार को इस पर कदम उठाने के
लिए मजबूर होना पड़े |
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