Tuesday, April 16, 2019

100 वर्ष पुरे होने पर विश्व वैष्णव राज सभा द्वारा आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय वैष्णव सम्मेलन: संतो ने किया विश्व शांति का आह्वान


By Samachar Vishesh News
Chandigarh 16th April:- अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौड़ीय  मठ सैक्टर 20  में मठ मन्दिर में राम नवमी से आरम्भ 49वें वार्षिक धर्म सम्मेलन में हुए विभिन्न देशी-विदेशी भक्तों का आना-जाना लगा हुआ है जिनमे से मुखत: अमेरिका,रशियारूसयुरोपइंगलैण्ड आदि विदेशों भारत के विभिन्न राज्यों से भक्त इकट्ठे हुए हैं l क्योंकि इस वर्ष विश्व वैष्णव राज सभा की पुनर्स्थापना के 100 वर्ष पुरे हुए हैं  इस संस्था की स्थापना 1400 ईसवीं में श्रील जीव गोस्वामी जी ने की थी तथा पुनर्गठन1919 में श्रील प्रभुपाद भक्ति सिद्धांत जी द्वारा की गयी l गोपीनाथ गौडीय मठ के संस्थापक स्वामी पूरी महाराज इस संस्था के अध्यक्ष रहे है तदउपरांत नयनानंद दास जी महाराज भी इस संस्था के अध्यक्ष रहे l 2002 से 2017 तक (15 वर्ष) तक श्री चैतन्य गौडीय मठ के प्राक्तन आचार्य परम पूज्यपाद श्री श्रीमद भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी इस संस्था के अध्यक्ष रहेविश्व वैष्णव राजसभा नामक संस्था विश्व भर में श्री चैतन्य महाप्रभु की वाणी का प्रचार प्रसार करती है यह वैष्णवों की संस्था है तथा ये समाज के उत्थान के लिये कार्य भी करती है।
आज के कार्यक्रम में पत्रवार्ता के दौरान कई वैष्णवों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये। स्वामी परमाद्वैती महाराज जो कि मुख्यत: जर्मनी से आये हैं साथ ही स्वामी गोपानंद बॉन महाराज जो वृन्दावन से आये हैं , उन्होंने सम्बोधित भी किया बॉन महाराज जी ने बताया कि श्री चैतन्य महाप्रभु जी के अनुसार विश्व में शान्ति लाने का एक ही तरीका हैऔर वो है जीव मात्र में सभी प्राणियों के लिये प्रेम जागृत करना क्योंकि हम सभी ये भूल गये हैं कि हम सभी एक ही भगवान द्वारा भेजे गये है l हमे सभी से प्रेम भाव से रहना चाहिए क्योंकी दिव्य प्रेम अहिंसा से ज्यादा प्रभावशाली हैं और प्यार ही लोगों को जीने की कला सिखाता है l
इस अवसर पर श्री चैतन्य गौडीय मठ के महासचिव श्री विष्णु महाराज ने पत्रकारों से बातचीत में बताया की मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है और इस दिशा में कई कार्य कर रहे हैं और जब पत्रकारों ने सवाल पुछा के चुनाव के इस माहौल आने वाले समय वे किसको प्रधान मंत्री के रूप में देखते हैं उन्होने खुल कर मोदी के काम की प्रशंशा की l

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