By Samachar Vishesh News
Chandigarh 12th
April, 2019:- अपना खुद का घर बनाना शायद सबसे बड़ा सपना है जिसे हर आम आदमी देखता है। भारतीय घरों में भी लोग जब अपने पहले फ्लैट की बुकिंग करते हैं तब कितनी खुशियाँ मनायी जाती है, हम सभी जानते हैं। लेकिन सवाल यह है कि हम अपने सपनों के घर को देखते कैसे हैं? घर के शानदार होने, आरामदायक होने, संपत्ति का पुनर्विक्रय मूल्य मिलने, या शायद सुरक्षा के उपाय चुस्त होने के अलावा भी कुछ है जो 2019 के तकनीकी उन्नदति के दौर में महत्वकपूर्ण है। जी हां, भारत के नागरिक अब अपनी नई संपत्ति में नए मूल्य जोडऩे के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। आइए, हरियाणा के फरीदाबाद में रहने वाले शरद कुमार की कहानी को देखते हैं कि उन्होंने अपनी नई संपत्ति में नए मूल्य कैसे जोड़े। उन्होंने अपने घर को पर्यावरण अनुकूल बनाया, बिजली के बिल को कम किया, और आईओटी टेक्नोलॉजी से घर की बिली खपत पर निगरानी भी रखी।
शरद अपने परिवार के साथ फरीदाबाद के सेक्टर 30 में रहते हैं। उन्होंने हाल ही में अपना नया घर शानदार प्रकाश व्यवस्था और आधुनिक उपकरणों के साथ बनाया, लेकिन उनकी समस्याल थी कि उनके घर के ये सभी उपकरण मासिक आधार पर कई टन बिजली यूनिट लेते थे। शरद ने काफी सोच-विचार करने के बाद मुफ्त उपलब्धक धूप का उपयोग करने के लिए अपनी छत पर सौर पैनल स्थापित करने का निर्णय लिया, जिससे न केवल उनके सपनों का घर पर्यावरण के अनुकूल होगा, बल्कि इससे बिजली उत्पादन लागत में भी काफी कमी आएगी।शरद ने सोलर अपनाने का फैसला किया और भारत में एक अग्रणी सौर इंस्टॉलेशन ध् होम टेक कंपनी, जऩरूफ टेक से संपर्क किया। शरद की योजना समझने के बाद, जऩरूफ ने शरद के घर का विस्तृत साइट मूल्यांकन किया और 3 किलो वाट ग्रिड-टाई सिस्टम को स्थापित करने का सुझाव दिया। शरद के घर में स्थापित जूनरूफ के ग्रिड टाई इन्वर्टर ने न केवल सोलर पॉवर के जरिये अपने मासिक बिजली बिल को कम किया, बल्कि सोलर पैनलों द्वारा उत्पादित अतिरिक्त सौर ऊर्जा को ग्रिड में बेचकर पैसा भी कमाया।ग्रिड-टाई सोलर इन्वर्टर, जिसे ऑन-ग्रिड सोलर इन्वर्टर के रूप में भी जाना जाता है, मुख्य ग्रिड के साथ मिलकर काम करता है। यह सीधे सोलर के माध्यम से लोड चलाने और ग्रिड को वापस फीड करके बिजली कंपनी को अतिरिक्त सौर ऊर्जा बेचने का लाभ प्रदान करता है। ग्रिड-टाई इन्वर्टर को केवल उन क्षेत्रों में स्थापित किया जा सकता है, जहां मेंस सप्लामई पर्याप्त रूप से उपलब्ध है, जैसाकि शरद के घर के साथ था।
अपने घर पर सफलतापूर्वक सोलर इंस्टालेशन के बाद, शरद कुमार अब दैनिक सौर उत्पादन की निगरानी के लिए आईओटी संचालित तकनीक का उपयोग करते हैं। वह अपने घर से दैनिक, साप्ताहिक और मासिक रूप से पैदा होने वाली यूनिट्स को देख सकते हैं और वह उस धनराशि को भी देख सकते हैं जो उन्होंने सोलर इंस्टालेशन के बाद बचाया है। इसे परफेक्ट ड्रीम होम कहा जाता है! शरद को सोलर सिस्टाम से प्रतिदिन लगभग 9 यूनिट बिजली पैदा होने की उम्मीद है, जो मौसम की स्थिति पर भी निर्भर करती है। यह सिस्टम अब सौर उर्जा पर चल रहा है और हमेशा शरद के सपनों के घर में बिजली प्रदान कर रहा है। शरद कहते हैं- ‘यह अपने आप मेरे सपनों के घर में अतिरिक्त मूल्य पैदा कर रहा है।
सौर ऊर्जा को बिजली बोर्ड को बेचने की अवधारणा को श्नेट मीटरिंगश् कहा जाता है। आइए, इसे एक उदाहरण से समझते हैं। शरद के घर पर लगे सोलर पैनल प्रति माह लगभग 360 यूनिट बिजली पैदा करेंगे। अब मान लें कि यह घर लोड चलाने के लिए सौर ऊर्जा की 360 यूनिट्स में से 300 यूनिट्स का उपयोग करता है और बाकी 60 यूनिट्स बिजली बोर्ड को निर्यात करता है। हम यह भी मान लेते हैं, शरद अपना लोड चलाने के लिए बिजली बोर्ड से 80 यूनिट्स का आयात करते हैं। इस तरह कुल 380 यूनिट्स के लिए भुगतान करने के बजाय, शरद सिर्फ बिजली बोर्ड से आयातित 20 यूनिट्स के लिए भुगतान करेंगे, क्योंकि आयातित 80 इकाइयों में से निर्यात की गई 60 इकाइयां कम हो जाएंगी। यही नेट मीटरिंग अवधारणा है। सरकार द्वारा दी गई नेट मीटरिंग और सब्सिडी ने सौर ऊर्जा को सभी के लिए बहुत ही प्रभावी और किफायती समाधान बना दिया है। शरद का भी कहना है कि ‘ आईओटी संचालित जूनरूफ ऐप ने हमारे लिए हर समय अपने सोलर पॉवर सिस्टम के परफॉरमेंस की निगरानी करना बहुत आसान बना दिया है। मैं अपने नए घर को सही तकनीक-संचालित ‘जऩहोम’ में बदलने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं!श् शरद भी मानते हैं कि जब दुनिया पर्यावरण अनुकूल नई तकनीक अपना रही है तो भारत के सोलर पॉवर को ग्रोथ सेक्टर के रूप में देखना खुशी की बात है।
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