By Samachar Vishesh
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Chandigarh 04th
March:- राजस्थान में जज़्बा - युथ एम्पावरमेंट फेस्टिवल की सफलता के बाद जयपुर बेस्ड इंडियन इनोवेशन और इंटरप्रेन्योर कम्युनिटी द्वारा युवाओं के सशक्तीकरण के लिए "राइस 1.0", ऑनलाइन एजुकेशन मुहीम और कैंपेन लांच किया गया है। जिसकी मदद से अब युवा घर बैठे मुफ्त में तकनीकी कौशल और प्रक्षिशण प्राप्त कर पाएंगे । यह मुहीम डिजिटल क्रांति और "मेकिंग इंडिया फ्यूचर रेडी " के संकल्प को और आगे बढ़ाएगा और युवाओं को सेल्फ एम्प्लॉयमेंट और उद्यमिता की और भी प्रेरित करेगा । इस मिशन में युवाओं के साथ देश भर से 2000 इंजीनियरिंग कॉलेज भी जुड़ गए हैं।
टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट, एजुकेशनिस्ट, विमल डागा की अध्यक्षता में इंडियन इनोवेशन और इंटरप्रेन्योर कम्युनिटी (आईआईईसी) द्वारा शुरू किये गए इस ऑनलाइन इनिशिएटिव से राजस्थान और देश भर के युवा जुड़ रहे हैं और उन्हे मुफ्त ऑनलाइन प्रक्षिशण देते हुए यह मुहीम एक मील का पत्थर साबित होगी जिसका सीधा फायदा करीब 14000 युवाओं को पहुंचेगा, खासकर उन युवाओं को जिन्हे COLLAGE स्तर पर ही एवरेज और बिलो एवरेज माना जाता है और वो अपनी पोटेंशियल साबित करने के लिए सही मौका और मार्गदर्शन चाहते हैं ।
इस कैंपेन के तहत लाइव ऑनलाइन प्रेसेंटेशन्स, अवेयरनेस सत्र, स्टूडेंट टीचर इंटरैक्शन, विडिओ प्रेसेंटेशन्स और तकनीकी प्रस्तुतियों के अलावा स्टार्ट-अप एक्सपर्ट के साथ स्टूडेंट्स की लाइव डिसकशंस भी होंगी और युवा देश के किसी भी कोने से इस प्रोग्राम में फ्री ऑफ़ कॉस्ट एनरोल कर सकते हैं।
विमल डागा के अनुसार राजस्थान के युवाओं के अतिरिक्त जयपुर , उदयपुर, अजमेर और जोधपुर के विभिन्न COLLAGES भी "RISE 1.0", से जुड़ गए हैं। जिसके द्वारा युवा टेक्नोलॉजी का हाथ थामते हुए सोशल एम्पावरमेंट के लिए प्रोजेक्ट्स बनाने का प्रक्षिशण हासिल कर रहे हैं। इस लाइव प्रक्षिशण से युवा टेक्नोलॉजी क्रिएटर और टेक्नोलॉजी जीनीयस बन रहे हैं और अपने क्षेत्र की बारीकियों को समझते हुए उन चुनौतियों को लाइव चैट के माध्यम से हल कर रहे हैं, ये पहल युवाओं के करियर को नयी उड़ान दे रही है ।
विमल डागा ने बताया हम कि "फ्यूचर रेडी इंडिया" के अपने संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं और इस ऑनलाइन इनिशिएटिव का फायदा ना केवल राजस्थान बल्कि पूरे इंडिया से अधिक से अधिक छात्रों को मिलेगा। हमने हाल ही में तकनीक के माध्यम से कई सामजिक समस्याओं जैसे वीमेन सेफ्टी, भुखमरी, गरीबी, नेत्रहीन के जीवन को आसान करना, चोरी से बचाव, कृषि उपज में सुधार, यातायात की दिक्कतों में कमी से लेकर हेल्थकेयर और पर्यावरण स्थिरता के लिए तकनीक क्रिएट कर चुके हैं।
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