By Samachar Vishesh News
Chandigarh 24th
October:- पटियाला निवासी
सुखदेव सिंह ने
बताया
की
अमित
नंदा
पवन
शर्मा
तथा
उनकी
कंपनी
एम
एम
इंफ्रास्ट्रक्चर के
लोगों
ने
बीते
कल
बुधवार
को
चंडीगढ़
प्रेस
क्लब
में
प्रेस
कॉन्फ्रेंस की।
जिसमें
उन्होंने
अपने
साथ
हुई
नाइंसाफी
तथा
ठगी
का
जिक्र
किया।
मैं
आश्चर्यचकित हूं
कि
यह
ठग
लोग
जिन्होंने
मेरे
साथ
74 लाख
रुपए
की
धोखाधड़ी
की
और
मेरी
दोस्ती
तथा
विश्वास
का
फायदा
उठा
कर
मेरे
साथ
विश्वासघात किया
वह
अब
अपनी
तकलीफ
को
ठगी
के
रूप
में
बयान
कर
रहे
हैं।
सुखदेव
सिंह
ने
चंडीगढ़
प्रेस
क्लब
में
पत्रकारों
से
बातचीत
करते
हुए
अमित
नंदा
व
अन्य
द्वारा
अपने
पर
लगायें
गए
आरोपों
पर
अपनी
कड़ी
प्रतिक्रिया देते
हुए
कहा
कि
इन्होंने
मेरे
साथ
जमीन
खरीदने
का
सौदा
किया
और
मुझे झांसा देकर
मुझसे
2008 में
धीरे-धीरे कर
74 लाख
रुपए
लिए।
जिसकी पूरी डिटेल
मेरे
पास
है।
पहले
सब
ठीक
था, लेकिन फिर
इनका
व्यवहार
बदलने
लगा
तथा
जिस
जमीन
के
लिए
मुझसे
पैसे
लिए
थे
न
तो
मुझे
उसमे
हिस्सेदारी दी
न
ही जानकारी दी। मैंने जब
अपने
पैसे
या
जमीन
में
हिस्सेदारी के
लिए
दबाव
बनाना
शुरु
किया,
तो
इन्होंने
स्पष्ट
रुप
से
मना
कर
दिया।
थक
हारकर
मैंने
पुलिस
में
शिकायत
दर्ज
की।
यहाँ
पर
इन्होंने
अपने
रसूख
और
पुलिस
से
मिलीभगत
के
चलते
शिकायत
को
दबवा
दिया।
जिसके
चलते
उन्हें
अपनी
शिकायत
के
संबंध
में
कुछ
लाभ
नहीं
हुआ।
इसके
बाद
कोर्ट
के
जरिए
शिकायत
दर्ज
कराई।
किंतु
सात
महीने
बाद
तब
भी
कोई
कार्रवाई
नहीं
हुई।
यह
लोग
कानून
को
धता
बता
कर
सरेआम
घूम
रहे
हैं,
और
मेरे
पैसे
देने
के
लिए
कोई
भी
कदम
नहीं
उठा
रहे।
यदि
इनको
पता
है
की
ठगी
की
तकलीफ
क्या
होती
है
।
तो
यह
पहले
मेरे
पैसे
लौटाते,
उसके
बाद
इस
तरह
की
तमाशे
करते।
सुखदेव
सिंह
ने
कहा
कि
ये सब लोग
बहुत
बड़े
ठग
और
धोखेबाज
है,
ये
लोंगो
को
चिकनी
चुपडी
बातों
से
झांसा
देकर
उन्हें
जमीन
में
हिस्सेदारी देने
के
बहाने
उनसे
अच्छी
खासी
मोटी
रकम
ठग
लेते
है।
जब
काफी
समय
बीत
जाने
के
बाद
कुछ
हासिल
नही
होता
और
तक़ाज़ा
किया
जाता
है
तो
ये
पुलिस
में
झूठी
शिकायत
देकर
देनदार
को
ही
ठग
और
धोखेबाज
जाहिर
कर
देते
है।
उन्होंने
कहा
कि
अगर
उन्हें
उनकी
74 लाख
की
रकम
नही
मिलती
तो
मजबूरन
वो
कोर्ट
का
दरवाजा
खटखटाएंगे।
वहीँ
जब
इस
बारे
में
पवन
शर्मा
से
बात
की
गयी
तो
उन्होंने
अपने
पर
लगाए
आरोपों
को
सिरे
नकार
दिया
है।
उन्होंने
कहा
कि
उन्हें
उनको
एक
रुपया
तक
नहीं
दिया।
अगर
किसी
ने
75 लाख
जैसी
बड़ी
रकम
दी
हो
तो
वो
11 साल
चुप
क्यों
रहेगा।
इसलिए
सब
कोरे
और
निराधार
आरोप
है।
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