By Samachar Vishesh
News
Rajgarh 12th October:- इटरनल विशविद्यालय के अकाल कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग में शुक्रवार को नौवें दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया गया । USA की ड्रेक्सेल विश्विद्यालय के सहयोग से इस सम्मेलन का आयोजन किया गया । सम्मेलन का मुख्या विषय ‘प्रपेक्ष्य में समग्र स्वास्थ्य के लिए सहयोगी दृष्टिकोण रखा गया’। कार्यक्रम का शुभ आरम्भ माननीय बाबा इक़बाल सिंह जी ने सम्मलेन का स्मारिका लॉन्च करते हुए किया। यह आयोजन भाई गुर्दास हाल में किया गया ।इस दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन में दिल्ली, बैंगलोर, अफगानिस्तान, ओमान,सोलन, चंडीगढ़, राजस्थान और अन्य जगहों से आये नर्सिंग प्रोफेशनल ने भाग लिया ।
सम्मेलन के पहले चरण में दिल्ली से आये IIHMR के डायरेक्टर डॉ संजीव कुमार ने भारत में नॉन-कम्युनिकेबल-डिसीसेस (NCD) को संबोधित करने में समग्र और सहयोगी दृष्टिकोण पर चर्चा की । बैंगलोर के केम्पेगौडा कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की प्रिंसिपल डॉ वि टी लक्ष्मम्मा ने समुदाय में मधुमेह की जांच और जोखिम के सही मूल्यांकन करने के बारे में बताया । अपोलो हॉस्पिटल की डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉ तरुणिका बावा ने डायबिटीज पेशेंट्स की जीवन शैली को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण संशोधन करने कि प्रेरणा दी ।
दूसरे चरण में कैंसर के ऊपर चर्चा की गई, सबसे पहले RAKCON दिल्ली की प्रिंसिपल डॉ हरिंदरजीत गोयल ने उत्तरजीविता देखभाल योजनाओं के लाभों की पहचान करना और उन्हें मापने के बारे में बताया । निम्हांस बैंगलोर से आई डॉ के ललिथा ने कैंसर से बचे लोगों की मनोसामाजिक चुनौतियाँ के बारें में सबको बताया ।
तीसरे चरण में सुरक्षित गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के विषय के बारें में चर्चा हुई। ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी- USA की प्रोफेसर डॉ जेन ग्रीन रयान ने किस तरह गर्भावस्था और प्रसव में जटिलताओं को सँभालने के ऊपर अपने विचार आग्रह किये । डॉ अमरीश कपूर, डॉ आर वसुंधरा , डॉ मुकेश चंद्र शर्मा और अन्य सभी ने गर्भवस्था के समय क्या मुश्किलें और क्या सावधानी होनी चाहिए उसके बारे में बताया ।
No comments:
Post a Comment