By Samachar Vishesh News
Chandigarh Jan. 22, 2021:- एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि तम्बाकू कंपनियां शिक्षण संस्थानों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री और विज्ञापन करके आठ साल की उम्र तक के बच्चों को सिस्टमेंटिक तरीके से लक्षित कर रही हैं।
कंज्यूमर वॉयस और वॉलेंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा सहित हरियाणा के 10 राज्यों में 25 शहरों में एक मोबाइल ऐप के माध्यम से इस अध्ययन में कुल 1011
शिक्षण संस्थानों और 885 स्थलों में बिक्री की जांच की गई। हरियाणा में शामिल शहर फरीदाबाद और रोहतक थे।
25 शहरों में शिक्षण संस्थानों के आसपास 72 प्रतिशत से अधिक सिगरेट, बीड़ी और धूम्रपान रहित उत्पादों का प्रदर्शन करते पाए गए जहां पर टॉफिस व बच्चों के खाने का हल्का पुल्का सामान भी रखा गया था। ये एकल छड़ी सिगरेट बेच रहे थे और स्कूली बच्चों को मुफ्त / छूट वाले तम्बाकू उत्पादों की पेशकश कर रहे थे।
इन अध्ययनों से पता चला था-‘बिग टोबेको टायनी टारगेट’। यह अध्ययन भारत सरकार के कोटपा -
2003 (सीओटीपी-2003) के प्रमुख अंतरालों पर अधिक साक्ष्य बनाने के लिए आयोजित किया गया था, जो प्वाइंट ऑफ सेल विज्ञापन और उत्पाद प्रदर्शन की अनुमति देते हैं, जिसका उपयोग तंबाकू कंपनियों द्वारा युवाओं और बच्चों को लक्षित करने के लिए किया जाता है।
इस मौके पर आशीम सन्याल जो कि कंज्यूमर वॉयस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ने कहा कि तम्बाकू कंपनियां शिक्षण संस्थानों के आसपास अपने उत्पादों की बिक्री और विज्ञापन करके और हमारी युवा पीढ़ी के जीवन को खतरे में डालकर कानून में खामियों का फायदा उठा रही है। हम सरकार से अपने बच्चों और युवाओं को तंबाकू कंपनियों की रणनीति के शिकार होने से बचाने के लिए कोटपा-2003
(सीओटीपी-2003) को मजबूत करने का आग्रह करते हैं।
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